रिंगवर्म (दाद) के लक्षण और इलाज

रिंगवर्म का लक्षण दिखाती त्वचा पर लाल घेरा और खुजली, फंगल संक्रमण का घरेलू और मेडिकल इलाज

रिंगवर्म (दाद) के लक्षण और इलाज

रिंगवर्म (दाद) क्या है?

क्या आपको कभी त्वचा पर गोल-गोल लाल दाने दिखे हैं जो खुजली करते हैं? अगर हां, तो यह रिंगवर्म यानी दाद हो सकता है। आम भाषा में इसे "दाद" कहा जाता है, लेकिन इसका नाम सुनकर बहुत से लोग यह सोचते हैं कि यह कोई कीड़ा है। जबकि वास्तव में, यह एक फंगल इन्फेक्शन होता है।

रिंगवर्म का नाम उसकी आकृति के कारण पड़ा है। इसमें त्वचा पर गोल घेरा बनता है जो लाल और खुजली वाला होता है। यह घेरा अक्सर रिंग जैसा दिखता है, इसलिए इसे अंग्रेजी में 'Ringworm' कहा जाता है।

भारत में रिंगवर्म की समस्या कितनी आम है?

भारत में गर्म और नमी वाला मौसम अधिक समय तक बना रहता है, जिससे रिंगवर्म जैसी फंगल समस्याएं बहुत आम हो जाती हैं। गंदगी, पसीना, और व्यक्तिगत साफ-सफाई की कमी भी इसे बढ़ावा देती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग खेतों में काम करते हैं और पसीना अधिक आता है, वहां यह संक्रमण अधिक देखने को मिलता है।

 

रिंगवर्म क्या है? (What is Ringworm?)

  • रिंगवर्म कोई कीड़ा नहीं होता, नाम केवल भ्रमित करता है।

  • यह एक प्रकार का फंगल इन्फेक्शन होता है जो त्वचा, सिर, नाखून और यहां तक कि पैरों में भी हो सकता है।

यह कैसे शरीर में फैलता है?

यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में, या जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। संक्रमित त्वचा को छूने, संक्रमित कपड़े, तौलिया, या कंघी का उपयोग करने से भी यह तेजी से फैलता है।

रिंगवर्म के कारण (Causes of Ringworm)

रिंगवर्म कई कारणों से हो सकता है। नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

  • त्वचा पर गंदगी जमा होना: जब त्वचा साफ नहीं रखी जाती, तो फंगस आसानी से पनप सकती है।

  • नमी और पसीने वाली जगहें: शरीर के वे हिस्से जो बार-बार पसीने से गीले रहते हैं (जैसे की अंडरआर्म, कमर, जांघें) वहां रिंगवर्म जल्दी होता है।

  • संक्रमित व्यक्ति या जानवर से संपर्क: संक्रमित व्यक्ति को छूना या उनके कपड़े इस्तेमाल करना संक्रमण का बड़ा कारण बन सकता है।

  • गंदे कपड़े, तौलिया, या कंघी का इस्तेमाल: साफ-सफाई न रखने से फंगल संक्रमण आसानी से फैल सकता है।

रिंगवर्म के लक्षण (Symptoms of Ringworm)

रिंगवर्म के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लाल रंग का गोल घेरा बनना: यह सबसे आम लक्षण है जो संक्रमण को पहचानने में मदद करता है।

  • घेरा खुजली वाला और उभरा हुआ होना: इसमें जलन भी हो सकती है।

  • छालों जैसा दिखना: कभी-कभी त्वचा फटने लगती है या छाले बन जाते हैं।

  • त्वचा में जलन या दर्द महसूस होना: कुछ मामलों में दर्द भी हो सकता है।

अन्य संभावित लक्षण:

  • त्वचा का सूखापन या परत उतरना

  • बालों का झड़ना (सिर पर रिंगवर्म होने पर)

  • नाखूनों में रंग बदलना या कमजोर हो जाना (नाखूनों का रिंगवर्म)

रिंगवर्म एक आम लेकिन तकलीफदेह फंगल संक्रमण है जिसे समय पर पहचान और इलाज से रोका जा सकता है। सफाई का ध्यान रखना, व्यक्तिगत चीजों का साझा न करना, और पसीने से भरी त्वचा को सुखा कर रखना इसके खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है।

अगले भाग में हम जानेंगे कि रिंगवर्म से कैसे बचा जाए, इसका इलाज क्या है, और घरेलू उपाय कितने कारगर हो सकते हैं। यदि आप या आपके परिवार में किसी को रिंगवर्म हो गया है, तो घबराएं नहीं, बल्कि सही जानकारी और सावधानी से इसे दूर करें।

 

 

रिंगवर्म के प्रकार:

रिंगवर्म के  इन्फेक्शन में त्वचा पर गोल आकार के लाल घाव हो जाते हैं, जो खुजलीदार होते हैं और धीरे-धीरे फैलते हैं। यही वजह है कि इसे "रिंगवर्म" कहा जाता है।

रिंगवर्म के प्रकार (Types of Ringworm)

रिंगवर्म शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं इसके मुख्य प्रकार:

1. सिर पर रिंगवर्म टीनिया कैपिटिस (Tinea Capitis)

·         यह संक्रमण खासतौर पर बच्चों में आम होता है।

·         सिर की त्वचा पर खुजली, बाल झड़ना और गंजेपन के छोटे-छोटे पैच बन जाते हैं।

·         बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और स्कैल्प पर सूजन हो सकती है।

2. शरीर पर रिंगवर्म टीनिया कॉरपोरिस (Tinea Corporis)

·         यह सबसे सामान्य प्रकार का रिंगवर्म है।

·         यह शरीर की बाहरी त्वचा जैसे पीठ, छाती, पेट, बांहों या जांघों पर होता है।

·         घाव गोल और लाल होते हैं, जिनके किनारे उभरे हुए होते हैं और बीच में त्वचा सामान्य दिखती है।

3. पैरों पर रिंगवर्म एथलीट्स फुट (Athlete’s Foot या Tinea Pedis)

·         यह खासकर उन लोगों में होता है जो जूते-मोज़े लंबे समय तक पहनते हैं।

·         पैर की उंगलियों के बीच में खुजली, जलन और बदबू आती है।

·         त्वचा फटने लगती है और छाले बन सकते हैं।

4. हाथ-पैर के नाखूनों में रिंगवर्म टीनिया अनगुइम (Tinea Unguium या Onychomycosis)

·         यह फंगल इन्फेक्शन नाखूनों को प्रभावित करता है।

·         नाखून पीले, मोटे और टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं।

·         नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं।

 

रिंगवर्म कैसे फैलता है? (How Does Ringworm Spread?)

रिंगवर्म एक संक्रामक बीमारी है जो आसानी से फैल सकती है। आइए जानें इसके फैलने के प्रमुख कारण:

1. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संपर्क से

·         संक्रमित व्यक्ति के साथ स्किन-टू-स्किन संपर्क होने से यह संक्रमण आसानी से फैल सकता है।

·         खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों में जैसे स्कूल, जिम या खेल मैदानों में।

2. जानवरों से इंसानों में

·         पालतू जानवर जैसे कुत्ते, बिल्ली, गाय या बकरी भी फंगल संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।

·         संक्रमित जानवर को छूने या खिलाने से यह इन्फेक्शन इंसानों में आ सकता है।

3. संक्रमित चीजों से जैसे तौलिया, चादर, कंघी

·         कपड़े, तौलिया, बिस्तर, कंघी, शेविंग किट जैसी चीजें अगर किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई हों और कोई दूसरा व्यक्ति उन्हें इस्तेमाल कर ले तो संक्रमण फैल सकता है।

4. मिट्टी से संपर्क

·         कुछ फंगल बीजाणु मिट्टी में भी पाए जाते हैं।

·         नंगे हाथों या पैरों से मिट्टी में खेलने या काम करने से यह संक्रमण हो सकता है।

 

रिंगवर्म से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Ringworm)

रिंगवर्म से बचना आसान है, बशर्ते हम रोज़मर्रा की कुछ आदतों को अपनाएं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

1. रोज़ाना नहाएं और त्वचा को सूखा रखें

·         पसीने वाली त्वचा में फंगस तेजी से बढ़ता है।

·         नहाने के बाद शरीर को पूरी तरह सूखा लेना बहुत जरूरी है।

2. साफ और सूती कपड़े पहनें

·         तंग कपड़े फंगस को पनपने में मदद करते हैं।

·         हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनना सबसे अच्छा है।

3. दूसरों की चीजों का उपयोग न करें

·         किसी और का तौलिया, कंघी, कपड़े या जूते इस्तेमाल करने से बचें।

·         जिम या स्वीमिंग पूल में अपनी चीज़ें लेकर जाएं।

4. पालतू जानवरों की सफाई पर ध्यान दें

·         यदि पालतू जानवर के शरीर पर बाल झड़ रहे हैं या खुजली हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।

·         जानवरों को नियमित रूप से नहलाएं और साफ रखें।

5. नाखून और बालों की नियमित सफाई करें

·         नाखूनों को छोटा रखें और नियमित साफ करें।

·         बालों की भी सफाई और तेल मालिश से संक्रमण से बचाव होता है।

 

रिंगवर्म का सबसे तेज़ इलाज (Fastest Treatment Options for Ringworm)

रिंगवर्म का इलाज जल्दी शुरू करने पर यह कुछ ही दिनों में ठीक हो सकता है। इलाज दो प्रकार के होते हैं दवाइयां और घरेलू उपाय।

1. एंटीफंगल दवाइयां (Antifungal Creams and Tablets)

क्रीम और लोशन:

·         क्लोट्रिमाजोल (Clotrimazole)

·         टेरबिनाफीन (Terbinafine)

·         मिकोनाजोल (Miconazole)

·         इन्हें दिन में 2 बार सीधे प्रभावित स्थान पर लगाया जाता है।

गोलियां:

·         यदि संक्रमण बहुत अधिक हो या क्रीम से आराम न मिले तो डॉक्टर एंटीफंगल गोलियां लिख सकते हैं जैसे:

o    इट्राकोनाजोल (Itraconazole)

o    फ्लूकोनाजोल (Fluconazole)

नोट: हमेशा डॉक्टर की सलाह से दवा लें। खुद से दवा बदलना सही नहीं है।

2. घरेलू उपाय (Home Remedies for Ringworm)

नीम और हल्दी का लेप:

·         नीम की पत्तियों को पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर पेस्ट बनाएं।

·         इस पेस्ट को दिन में 2 बार लगाएं।

एप्पल साइडर विनेगर:

·         एक रुई में थोड़ा एप्पल साइडर विनेगर लें और प्रभावित जगह पर लगाएं।

·         इससे खुजली कम होगी और फंगस मर जाएगा।

लहसुन का पेस्ट:

·         लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं।

·         लहसुन को पीसकर उसका रस सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं।

ध्यान रखें: यदि त्वचा पर जलन हो तो घरेलू उपाय बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।

 

कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

·         यदि 3 से 5 दिन तक घरेलू इलाज या क्रीम से कोई फायदा नहीं हो रहा हो।

·         संक्रमण तेजी से फैल रहा हो या खून या मवाद निकल रहा हो।

·         आपको तेज बुखार, सिर दर्द, या गंभीर खुजली हो रही हो।

·         यदि रोगी की इम्यूनिटी कमजोर है या डायबिटीज जैसी बीमारी है।

रिंगवर्म एक आम लेकिन परेशान करने वाला फंगल इन्फेक्शन है। सही जानकारी, साफ-सफाई, और समय पर इलाज से इसे आसानी से रोका और ठीक किया जा सकता है।

रिंगवर्म के प्रकार जानने और उनके लक्षण पहचानने से हम शुरुआत में ही सही इलाज कर सकते हैं। घरेलू उपाय और दवाइयों का सही संतुलन रिंगवर्म से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

 

 

घरेलू इलाज बनाम मेडिकल इलाज:

यह संक्रमण जितना आम है, उतना ही जरूरी है इसका सही इलाज करना।

घरेलू इलाज बनाम मेडिकल इलाज (Home Remedies vs. Medical Treatment)

घरेलू इलाज से कब फायदा हो सकता है?

रिंगवर्म का इलाज घर पर ही कुछ खास स्थितियों में किया जा सकता है, जैसे:

·         जब संक्रमण की शुरुआत हो और दाग छोटा हो

·         खुजली हल्की हो और फंगल दाग एक ही जगह हो

·         पहले भी घरेलू उपाय से आराम मिल चुका हो

कुछ असरदार घरेलू उपाय:

·         नीम की पत्तियाँ: नीम में एंटी-फंगल तत्व होते हैं। नीम की पत्तियों को पीसकर उसका लेप लगाने से राहत मिलती है।

·         हल्दी और नारियल तेल: हल्दी एंटीसेप्टिक होती है और नारियल तेल त्वचा को नमी देता है। दोनों को मिलाकर दाग पर लगाने से आराम मिलता है।

·         एप्पल साइडर विनेगर: इसे रूई की मदद से प्रभावित हिस्से पर दिन में दो बार लगाएं।

·         एलोवेरा जेल: ठंडक देने और खुजली कम करने में मदद करता है।

लेकिन ध्यान दें, अगर संक्रमण बढ़ने लगे या फैलने लगे तो घरेलू इलाज छोड़कर मेडिकल इलाज की ओर जाना चाहिए।

मेडिकल इलाज कब ज़रूरी है?

कभी-कभी स्थिति गंभीर हो जाती है या घरेलू उपाय असर नहीं करते, ऐसे में डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है। निम्नलिखित स्थितियों में मेडिकल इलाज जरूरी है:

·         जब दाद का आकार बढ़ने लगे और खुजली बहुत अधिक हो जाए

·         जब शरीर के कई हिस्सों में फैल जाए

·         जब बच्चा या बुजुर्ग व्यक्ति संक्रमित हो

·         जब घरेलू इलाज के बाद भी 5-7 दिन में कोई फर्क न दिखे

·         जब पस या सूजन आने लगे

मेडिकल इलाज में शामिल हो सकते हैं:

·         एंटी-फंगल क्रीम (जैसे क्लोट्रिमाजोल, टेरबिनाफीन)

·         मौखिक दवाइयाँ (जैसे इट्राकोनाजोल, फ्लुकोनाजोल)

·         एंटीसेप्टिक साबुन और पाउडर

डॉक्टर मरीज की स्थिति देखकर सही दवा और डोज बताते हैं। यह इलाज तेज़ और ज्यादा असरदार होता है।

 

गलत इलाज से होने वाले नुकसान (Harms of Incorrect Treatment)

अक्सर लोग बिना डॉक्टर से पूछे दवा ले लेते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। गलत इलाज से:

·         संक्रमण और ज्यादा फैल सकता है

·         दवा का असर खत्म हो सकता है (रिज़िस्टेंस)

·         त्वचा पर जलन, फफोले या दाग बन सकते हैं

·         शरीर में एलर्जी या अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं

इसलिए, खुद से स्टेरॉयड या कोई भी दवा न लें। हमेशा प्रमाणित डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें और पूरी दवा की कोर्स पूरा करें।

 

बच्चों और बड़ों में फर्क (Difference in Children vs. Adults)

बच्चों में संक्रमण तेज़ी से फैलता है:

बच्चों की त्वचा नाजुक होती है और उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता। इसलिए रिंगवर्म जल्दी फैल सकता है।

बच्चों की त्वचा अधिक संवेदनशील होती है:

·         जलन और खुजली ज्यादा होती है

·         दाग जल्दी उभरते हैं

·         गलत दवा से एलर्जी होने का खतरा ज्यादा होता है

बच्चों की देखभाल के खास सुझाव:

·         रोज़ाना नहलाएं और त्वचा सूखी रखें

·         हल्के और साफ कपड़े पहनाएं

·         बच्चों के तौलिये, कंघी या बिस्तर साझा न करें

·         संक्रमण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

·         स्किन पर दवा लगाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें

निष्कर्ष (Conclusion)

·         रिंगवर्म का सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है।

·         घरेलू उपाय शुरूआती स्तर पर कारगर हो सकते हैं, लेकिन ध्यान से इस्तेमाल करें।

·         अगर समस्या बढ़ रही हो, तो डॉक्टर की सलाह लें और मेडिकल इलाज शुरू करें।

·         साफ-सफाई और त्वचा को सूखा रखना संक्रमण से बचाव का सबसे असरदार तरीका है।

·         खुद से दवा न लें, क्योंकि गलत इलाज से फायदा नहीं, बल्कि नुकसान हो सकता है।

याद रखें:

·         साफ-सफाई ही बचाव है

·         शुरुआत में पहचान करें

·         घरेलू उपाय में सुधार न हो तो डॉक्टर से मिलें

·         बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें

इस जानकारी से आप रिंगवर्म को समझकर सही निर्णय ले सकेंगे और खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे।

 

रिंगवर्म से सम्बंधित कुछ सवाल-जवाब यानि FAQs :--

 

1.      रिंगवर्म क्या होता है?

o    रिंगवर्म एक फंगल इन्फेक्शन होता है जो त्वचा, सिर, नाखून या पैरों पर होता है।

2.      क्या रिंगवर्म कोई कीड़ा है?

o    नहीं, यह कीड़ा नहीं है, सिर्फ नाम में वर्म (worm) आता है।

3.      रिंगवर्म का देसी नाम क्या है?

o    इसे आम भाषा में "दाद" कहा जाता है।

4.      रिंगवर्म कैसे फैलता है?

o    यह संक्रमित व्यक्ति, जानवर, या वस्तुओं से फैलता है।

5.      क्या रिंगवर्म जानवरों से भी फैल सकता है?

o    हां, संक्रमित पालतू जानवरों से यह फैल सकता है।

6.      रिंगवर्म के लक्षण क्या हैं?

o    लाल घेरा, खुजली, जलन, सूजन आदि।

7.      रिंगवर्म किन जगहों पर होता है?

o    सिर, शरीर, पैर, नाखूनों पर।

8.      क्या रिंगवर्म संक्रामक होता है?

o    हां, यह आसानी से फैलने वाला संक्रमण है।

9.      रिंगवर्म कितने दिनों में ठीक होता है?

o    सही इलाज से 2 से 4 हफ्ते में ठीक हो सकता है।

10.  रिंगवर्म का इलाज कैसे करें?

·         एंटीफंगल क्रीम और गोलियों से इलाज किया जाता है।

11.  घर में रिंगवर्म का इलाज कैसे करें?

·         नीम, हल्दी, एप्पल साइडर विनेगर से घरेलू उपाय किए जा सकते हैं।

12.  क्या रिंगवर्म दोबारा हो सकता है?

·         हां, यदि साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो दोबारा हो सकता है।

13.  रिंगवर्म से कैसे बचा जा सकता है?

·         रोज़ाना नहाएं, साफ कपड़े पहनें और व्यक्तिगत वस्तुएं साझा न करें।

14.  रिंगवर्म सबसे अधिक किन लोगों को होता है?

·         बच्चों, किसानों, मजदूरों और खिलाड़ियों को।

15.  क्या रिंगवर्म से बाल झड़ सकते हैं?

·         सिर पर दाद होने पर बाल झड़ सकते हैं।

16.  क्या रिंगवर्म के लिए डॉक्टर की ज़रूरत होती है?

·         हां, अगर संक्रमण गंभीर हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

17.  क्या रिंगवर्म का इलाज सिर्फ घरेलू उपाय से संभव है?

·         हल्के मामलों में हां, लेकिन गंभीर मामलों में दवा जरूरी है।

18.  रिंगवर्म की दवा कौन सी है?

·         क्लोट्रिमाजोल, टेरबिनाफीन, फ्लुकोनाज़ोल आदि।

19.  रिंगवर्म के लिए सबसे तेज़ इलाज क्या है?

·         एंटीफंगल क्रीम और टैबलेट्स का संयोजन।

20.  रिंगवर्म से जुड़ी आम गलतफहमियां क्या हैं?

·         यह कीड़ा होता है, या सिर्फ गंदगी से होता है ये गलत हैं।

21.  क्या पसीना रिंगवर्म का कारण बन सकता है?

·         हां, पसीने से नम त्वचा पर फंगस बढ़ता है।

22.  क्या एंटीबायोटिक दवाएं रिंगवर्म में असर करती हैं?

·         नहीं, एंटीफंगल दवाएं ही असरदार होती हैं।

23.  क्या दाद पूरे शरीर में फैल सकता है?

·         हां, अगर समय पर इलाज न किया जाए तो।

24.  रिंगवर्म कितने प्रकार का होता है?

·         सिर, शरीर, पैर, नाखूनों कुल 4 मुख्य प्रकार।

25.  क्या रिंगवर्म बच्चों में होता है?

·         हां, बहुत आम है बच्चों में।

26.  क्या रिंगवर्म दर्द देता है?

·         हां, जलन और दर्द हो सकता है।

27.  क्या रिंगवर्म से बुखार आता है?

·         आमतौर पर नहीं, लेकिन गंभीर मामलों में अन्य लक्षण हो सकते हैं।

28.  रिंगवर्म की पहचान कैसे करें?

·         गोल लाल घेरा, खुजली, और जलन देखकर।

29.  क्या रिंगवर्म गुप्तांगों में हो सकता है?

·         हां, यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।

30.  क्या रिंगवर्म से निशान रह जाता है?

·         अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो निशान रह सकता है।

31.  क्या रिंगवर्म का इलाज बिना डॉक्टर के संभव है?

·         शुरुआती अवस्था में हां, लेकिन डॉक्टर की सलाह बेहतर है।

32.  क्या रिंगवर्म गर्मी में ज्यादा होता है?

·         हां, गर्म और नम मौसम में अधिक फैलता है।

33.  क्या रिंगवर्म सर्दियों में होता है?

·         कम होता है, लेकिन हो सकता है।

34.  क्या टालने से रिंगवर्म बढ़ सकता है?

·         हां, इलाज न करने पर यह फैल सकता है।

35.  क्या नीम रिंगवर्म में असरदार है?

·         हां, इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं।

36.  क्या हल्दी रिंगवर्म में उपयोगी है?

·         हां, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल होती है।

37.  क्या रिंगवर्म में साबुन से नहाना चाहिए?

·         हां, लेकिन हल्के और मेडिकेटेड साबुन से।

38.  रिंगवर्म में कौन सा कपड़ा पहनना चाहिए?

·         सूती और ढीले कपड़े पहनें।

39.  क्या रिंगवर्म में त्वचा फट सकती है?

·         हां, खुजाने से त्वचा फट सकती है।

40.  क्या रिंगवर्म से खून आ सकता है?

·         अगर बहुत ज्यादा खुजाएं तो स्किन फटने से खून आ सकता है।

41.  क्या रिंगवर्म तौलिया से फैलता है?

·         हां, संक्रमित तौलिया से फैलता है।

42.  क्या रिंगवर्म के लिए आयुर्वेदिक इलाज है?

·         हां, नीम, हल्दी, एलोवेरा आदि उपयोग किए जाते हैं।

43.  क्या रिंगवर्म के लिए होम्योपैथिक दवा होती है?

·         हां, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

44.  क्या रिंगवर्म नाखूनों में भी होता है?

·         हां, इसे टीनिया अनगुइम कहा जाता है।

45.  क्या रिंगवर्म शरीर के अंदर भी होता है?

·         नहीं, यह सिर्फ त्वचा पर होता है।

46.  क्या रिंगवर्म से भूख पर असर पड़ता है?

·         सामान्यतः नहीं।

47.  क्या रिंगवर्म का इलाज महीने भर चलता है?

·         कुछ मामलों में हां, खासकर नाखूनों में।

48.  क्या रिंगवर्म में स्किन टेस्ट होता है?

·         हां, जरूरत पड़ने पर स्किन स्क्रैपिंग टेस्ट किया जाता है।

49.  क्या रिंगवर्म में स्टेरॉयड क्रीम इस्तेमाल करनी चाहिए?

·         बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं।

50.  रिंगवर्म में क्या खाना चाहिए या नहीं?

·         संतुलित आहार लें, तैलीय व मीठी चीज़ों से बचें।

                                                                                                               

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