फंगल इंफेक्शन – प्रकार और घरेलू उपचार
फंगल इंफेक्शन क्या होता है?
फंगल इंफेक्शन को हिंदी में फंगल संक्रमण कहा जाता है। यह एक ऐसा रोग है जो फंगस नामक सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गेनिज्म) के कारण होता है। फंगस बहुत छोटे होते हैं और हवा, पानी, मिट्टी तथा हमारी त्वचा पर पाए जाते हैं। जब ये फंगस हमारी त्वचा या शरीर के किसी हिस्से में तेजी से बढ़ते हैं, तब यह संक्रमण पैदा करते हैं।
हालाँकि हर फंगस नुकसानदायक नहीं होता, परंतु कुछ फंगस शरीर पर हमला करके त्वचा, नाखून, मुंह, और गुप्तांगों में इंफेक्शन फैला सकते हैं।
फंगल इंफेक्शन शरीर के किन हिस्सों में हो सकता है?
फंगल इंफेक्शन शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर वह स्थान जहाँ:
पसीना ज्यादा आता है
हवा का प्रवाह कम होता है
गंदगी और नमी बनी रहती है
सबसे आम स्थान जहाँ फंगल इंफेक्शन हो सकता है:
पैर की उंगलियों के बीच
नाखून
जांघ और कमर के पास
अंडरआर्म्स
मुंह के अंदर (जैसे – ओरल थ्रश)
महिलाओं में योनि के आसपास
पेट और पीठ की त्वचा
हाथ की उंगलियों में
फंगल इंफेक्शन क्यों होता है और कैसे फैलता है?
फंगल इंफेक्शन तब होता है जब शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और फंगस का संतुलन बिगड़ जाता है। यह संतुलन बिगड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
ज्यादा नमी और पसीना
गंदे कपड़े या जूते पहनना
पर्सनल हाइजीन की कमी
किसी संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया या चप्पल का उपयोग करना
कमजोर इम्यून सिस्टम
लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
डायबिटीज या मोटापा
फंगल इंफेक्शन फैलने के तरीके:
सीधा संपर्क: संक्रमित त्वचा से छूने पर
अप्रत्यक्ष संपर्क: संक्रमित तौलिया, बिस्तर, जूते या कपड़ों से
जानवरों से: पालतू जानवरों में भी फंगल इंफेक्शन हो सकता है
फंगल इंफेक्शन के सामान्य लक्षण (Common Symptoms)
जब शरीर में फंगल इंफेक्शन होता है, तो कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आप इन लक्षणों को समय पर पहचान लें, तो इलाज करना आसान हो जाता है।
मुख्य लक्षण:
त्वचा पर खुजली और जलन
लाल रंग के दाने या चकत्ते
त्वचा का फटना या पपड़ी बनना
सूजन और दर्द
नाखूनों का पीला, मोटा या टूटना
प्रभावित जगह से दुर्गंध
त्वचा का रंग बदलना या गहरा हो जाना
फंगल इंफेक्शन के प्रकार (Types of Fungal Infections)
फंगल इंफेक्शन कई प्रकार के होते हैं। हर प्रकार की अपनी पहचान, कारण और लक्षण होते हैं। नीचे बताए गए प्रमुख प्रकार सबसे आम हैं:
1. एथलीट फुट (Athlete’s Foot) – पैरों में फंगल संक्रमण
कारण:
ज्यादा पसीना आने वाले पैर
गीले जूते या मोजे पहनना
नंगे पैर सार्वजनिक जगहों पर चलना (जैसे स्विमिंग पूल, जिम)
लक्षण:
पैर की उंगलियों के बीच खुजली
त्वचा का छिलना या सफेद होना
बदबूदार और पसीने वाले पैर
फटी एड़ियां और लाल धब्बे
कौन ज्यादा प्रभावित होते हैं?
खिलाड़ी
जिम या स्विमिंग पूल जाने वाले लोग
ज्यादा पसीना आने वाले लोग
2. रिंगवर्म (Ringworm) – दाद
गोल दाग क्यों बनते हैं?
रिंगवर्म एक गोल घेरा बनाता है जो लाल रंग का होता है। इसका किनारा उभरा हुआ होता है और बीच में त्वचा सामान्य लगती है। इसी कारण इसे “रिंग” वर्म कहा जाता है।
कैसे पहचानें?
गोल आकार के लाल दाग
खुजली और जलन
धीरे-धीरे दाग का आकार बढ़ता है
त्वचा के उस भाग पर पपड़ी बनना या सूखापन
3. कैंडिडायसिस (Candidiasis) – मुंह या प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण
ओरल थ्रश क्या है?
ओरल थ्रश एक प्रकार का कैंडिडा फंगल इंफेक्शन है, जो मुंह और जीभ पर सफेद परत के रूप में दिखाई देता है।
महिलाओं और बच्चों में कैसे होता है?
महिलाओं में योनि के आसपास खुजली, जलन और सफेद स्त्राव
बच्चों में मुंह के अंदर सफेद छाले या लेयर
डायबिटीज या कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में ज्यादा देखा जाता है
4. जॉक इच (Jock Itch) – जांघों में फंगल इंफेक्शन
गर्मी और पसीने से कैसे बढ़ता है?
गर्मियों में पसीना ज्यादा आता है
तंग कपड़े पहनने से हवा नहीं लगती
नमी में फंगस जल्दी पनपता है
लक्षण:
जांघों और कमर में खुजली
लाल रंग के चकत्ते
त्वचा का फटना या जलन
5. नेल फंगस (Nail Fungus) – नाखूनों का संक्रमण
नाखून का रंग और बनावट कैसे बदलता है?
नाखून पीले, भूरे या सफेद हो सकते हैं
नाखून मोटे हो जाते हैं
किनारे से टूटने लगते हैं
नाखूनों में बदबू आ सकती है
फंगल इंफेक्शन आम जरूर है, लेकिन लापरवाही करने पर यह गंभीर रूप ले सकता है। अगर आप समय रहते लक्षणों को पहचानें और सही घरेलू या चिकित्सकीय इलाज करें, तो इससे पूरी तरह बचा जा सकता है। शरीर को साफ, सूखा और स्वस्थ रखें – यही सबसे अच्छा बचाव है।
फंगल इंफेक्शन के कारण, बचाव और घरेलू इलाज
फंगल इंफेक्शन के कारण (Causes of Fungal Infections)
फंगल इंफेक्शन के पीछे कई आम कारण होते हैं। जब शरीर में नमी, गंदगी या संक्रमण के लिए सही वातावरण मिलता है, तो फंगस बहुत तेज़ी से बढ़ता है। नीचे बताए गए कारणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, ताकि आप समय रहते इससे बच सकें।
1. साफ-सफाई की कमी
जब हम रोजाना नहाते नहीं या शरीर को साफ नहीं रखते, तो बैक्टीरिया और फंगस बढ़ने लगते हैं।
शरीर के गर्म हिस्सों जैसे जांघ, अंडरआर्म्स, पैर की उंगलियों के बीच में फंगस तेजी से पनपता है।
2. गीले कपड़े पहनना
अगर आप बारिश में भीगे कपड़े देर तक पहनते हैं या पसीने वाले कपड़े बार-बार नहीं बदलते, तो फंगस पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
यह आदत विशेषकर गर्मियों में बहुत हानिकारक हो सकती है।
3. नंगे पैर घूमना
गीली जमीन या बाथरूम में नंगे पैर चलना, स्विमिंग पूल, जिम जैसी सार्वजनिक जगहों पर बिना चप्पल के जाना संक्रमण को न्योता देता है।
4. कमजोर इम्यून सिस्टम
जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर होती है, उन्हें फंगल इंफेक्शन जल्दी हो सकता है।
बुजुर्ग, छोटे बच्चे, डायबिटीज या HIV मरीज इस श्रेणी में आते हैं।
5. ज्यादा पसीना आना
जो लोग अधिक पसीना बहाते हैं और समय पर साफ-सफाई नहीं करते, उनके शरीर में नमी बनी रहती है।
नमी फंगस के पनपने के लिए सबसे अनुकूल वातावरण है।
फंगल इंफेक्शन से बचाव कैसे करें? (Prevention Tips)
फंगल इंफेक्शन से बचाव करना कठिन नहीं है। अगर हम कुछ सरल आदतें अपनाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें, तो इस संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
1. शरीर को सूखा और साफ रखें
रोज नहाएं और शरीर को अच्छे से सुखाएं, खासकर नमी वाली जगहों को।
गीले कपड़े या अंडरगार्मेंट्स को तुरंत बदलें।
2. ढीले और सूती कपड़े पहनें
तंग और सिंथेटिक कपड़े पसीना रोकते हैं और त्वचा को हवा नहीं लगती।
सूती कपड़े पहनने से हवा का संचार बना रहता है और त्वचा सूखी रहती है।
3. तौलिया और कपड़े किसी से शेयर न करें
संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया या जूते से फंगस बहुत तेजी से फैलता है।
हमेशा अपना तौलिया और कपड़े ही इस्तेमाल करें।
4. नाखूनों की देखभाल करें
नाखूनों को समय-समय पर काटें और साफ रखें।
लंबे नाखूनों में गंदगी जमा होती है जिससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
5. सार्वजनिक जगहों पर चप्पल पहनें
स्विमिंग पूल, कम्युनिटी बाथरूम या जिम जैसी जगहों पर हमेशा चप्पल पहनें।
नंगे पैर चलना संक्रमण को बढ़ावा देता है।
फंगल इंफेक्शन के घरेलू इलाज (Home Remedies for Fungal Infections)
अगर फंगल इंफेक्शन शुरुआती अवस्था में हो तो कई घरेलू नुस्खे इसे ठीक करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय सुरक्षित होते हैं और आसानी से घर में किए जा सकते हैं।
1. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
कैसे और कब लगाएं?
टी ट्री ऑयल में प्राकृतिक एंटीफंगल गुण होते हैं।
एक कॉटन बॉल लें और उसमें 2–3 बूंद टी ट्री ऑयल डालें।
प्रभावित जगह पर दिन में दो बार लगाएं।
क्या सावधानी रखें?
टी ट्री ऑयल को सीधे त्वचा पर लगाने से पहले नारियल तेल में मिलाना चाहिए।
संवेदनशील त्वचा वालों को पहले पैच टेस्ट करना चाहिए।
2. नीम के पत्ते (Neem Leaves)
पानी में उबालकर स्नान:
मुट्ठी भर नीम के पत्ते को पानी में उबालें।
उस पानी से नहाएं, खासकर प्रभावित हिस्से को धोएं।
पेस्ट बनाकर लगाना:
नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं।
दिन में दो बार दाद या खुजली वाली जगह पर लगाएं।
3. हल्दी (Turmeric)
त्वचा पर लगाने का तरीका:
हल्दी में एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं।
एक चम्मच हल्दी में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं।
इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर 20 मिनट बाद धो लें।
हल्दी वाला दूध पीने से फायदा:
हल्दी वाला गर्म दूध रोज पीने से शरीर के अंदर फंगल संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है।
4. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
पानी में मिलाकर लगाना:
1 भाग सेब का सिरका और 1 भाग पानी मिलाएं।
कॉटन से दिन में दो बार त्वचा पर लगाएं।
खुजली में आराम:
सिरका त्वचा की पीएच वैल्यू को संतुलित करता है और खुजली व जलन से राहत दिलाता है।
5. लहसुन (Garlic)
एंटीफंगल गुण:
लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है जो फंगस को नष्ट करता है।
लहसुन का पेस्ट बनाकर प्रयोग:
2-3 लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं।
प्रभावित स्थान पर दिन में एक बार 15 मिनट लगाएं और फिर धो लें।
फंगल इंफेक्शन आम होने के बावजूद बहुत तकलीफदेह हो सकता है। हालांकि, अगर आप ऊपर बताए गए कारणों से सतर्क रहें और बचाव के उपाय अपनाएं, तो इससे बचा जा सकता है।
घर में मौजूद चीजों से इलाज करना संभव है, परंतु अगर समस्या बढ़े या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। समय पर इलाज और साफ-सफाई ही फंगल इंफेक्शन से बचाव का सबसे मजबूत उपाय है।
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए? (When to See a Doctor for Fungal Infection)
फंगल इंफेक्शन एक आम समस्या है, जिसे घरेलू उपायों से अक्सर ठीक किया जा सकता है। हालांकि, हर बार ये नुस्खे काम नहीं करते। कुछ स्थितियों में संक्रमण गंभीर हो सकता है और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
इस अनुभाग में हम विस्तार से जानेंगे कि कब आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और क्यों समय पर इलाज बहुत जरूरी है।
1. अगर घरेलू उपाय से राहत न मिले
बहुत से लोग शुरुआत में घरेलू उपाय अपनाते हैं, जैसे:
नीम, हल्दी या टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल
साफ-सफाई और सूती कपड़ों का प्रयोग
हालांकि, अगर इन उपायों के 5–7 दिन बाद भी कोई फर्क महसूस न हो, तो यह चिंता की बात हो सकती है।
ऐसे में डॉक्टर से मिलना जरूरी है, क्योंकि:
संक्रमण आपकी त्वचा की गहराई में पहुंच सकता है।
फंगल संक्रमण दूसरे हिस्सों में फैल सकता है।
देर करने पर यह बैक्टीरियल इंफेक्शन में भी बदल सकता है।
2. अगर इंफेक्शन फैल रहा हो
यदि आप देख रहे हैं कि:
दाद या खुजली वाले दाग बड़े होते जा रहे हैं
त्वचा पर नए दाने या घाव दिख रहे हैं
एक हिस्से से दूसरे हिस्से में संक्रमण फैल रहा है
तो यह संकेत है कि फंगस पर काबू नहीं हो रहा। इसका मतलब है कि घरेलू इलाज से काम नहीं बन रहा।
डॉक्टर द्वारा दिया गया ऐंटीफंगल क्रीम, दवा या एंटीबायोटिक जरूरी हो सकता है।
3. जब दर्द और जलन बहुत ज्यादा हो
फंगल इंफेक्शन केवल खुजली तक सीमित नहीं रहता। अगर जलन, दर्द या सूजन बहुत अधिक हो, तो यह संक्रमण के गंभीर होने का संकेत है।
इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलें:
त्वचा छिलने लगे या खून निकले
चलने या बैठने में परेशानी हो
नींद में बाधा आए
त्वचा से दुर्गंध आने लगे
4. बच्चों, बुजुर्गों या प्रेग्नेंट महिलाओं को हो
इनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) थोड़ी कमजोर होती है:
बच्चों में रैश तेज़ी से फैल सकते हैं
बुजुर्गों में इलाज देर से असर करता है
प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है
इसलिए इन मामलों में डॉक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी है।
5. बार-बार फंगल इंफेक्शन होना
अगर:
आपको हर कुछ हफ्तों में दोबारा दाद या खुजली हो रही है
नाखून या पैर में बार-बार फंगस हो जाता है
तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में अंदरूनी कारण हैं, जैसे:
डायबिटीज
कमजोर इम्यून सिस्टम
बार-बार एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
इन कारणों की जांच और सही उपचार के लिए डॉक्टर का मार्गदर्शन जरूरी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
फंगल इंफेक्शन आम समस्या जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना सही नहीं है। समय पर पहचान और उचित इलाज से इससे आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
फंगल इंफेक्शन से जुड़े मुख्य तथ्य:
यह नमी, गंदगी और कमजोर इम्यून सिस्टम से होता है।
त्वचा की साफ-सफाई और ढीले कपड़े पहनना सबसे आसान बचाव है।
घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी, नीम, लहसुन असरदार हो सकते हैं।
लेकिन याद रखें:
अगर 5–7 दिनों तक राहत न मिले, तो डॉक्टर से मिलें।
संक्रमण के फैलने, दर्द बढ़ने या बार-बार होने की स्थिति में देर न करें।
डॉक्टर की सलाह से दवाओं और क्रीम का इस्तेमाल करें।
विशेष सुझाव:
अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो कोई भी नुस्खा आज़माने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें।
बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। साफ-सफाई ही सबसे सस्ता और असरदार हथियार है।
फंगल इंफेक्शन बार-बार हो रहा है तो खुद इलाज करने की जगह डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।
फंगल इंफेक्शन से सम्बंधित कुछ सवाल-जवाब यानि FAQs :--
🔹 1. फंगल इंफेक्शन क्या होता है?
फंगल इंफेक्शन एक प्रकार का संक्रमण है जो फंगस (कवक) के कारण होता है। यह त्वचा, नाखून, मुंह, जांघों और अन्य हिस्सों में हो सकता है।
🔹 2. फंगल इंफेक्शन कैसे फैलता है?
यह संक्रमित व्यक्ति या सतह के संपर्क में आने, गीले कपड़े पहनने, या नंगे पैर घूमने से फैल सकता है।
🔹 3. फंगल इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
त्वचा पर खुजली
लाल दाने
सूजन और जलन
पपड़ी या फटी हुई त्वचा
नाखूनों का पीला या टूटना
🔹 4. फंगल इंफेक्शन किन हिस्सों में हो सकता है?
पैरों में (एथलीट फुट)
जांघों में (जॉक इच)
त्वचा पर (रिंगवर्म)
मुंह या प्राइवेट पार्ट्स में (कैंडिडायसिस)
नाखूनों में (नेल फंगस)
🔹 5. फंगल इंफेक्शन के मुख्य कारण क्या हैं?
साफ-सफाई की कमी
गीले कपड़े पहनना
नंगे पैर घूमना
कमजोर इम्यून सिस्टम
ज्यादा पसीना आना🔹 6. फंगल इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?
शरीर को सूखा और साफ रखें
ढीले और सूती कपड़े पहनें
तौलिया और कपड़े किसी से शेयर न करें
नाखूनों की देखभाल करें
सार्वजनिक जगहों पर चप्पल पहनें
🔹 7. फंगल इंफेक्शन के घरेलू इलाज क्या हैं?
टी ट्री ऑयल का प्रयोग
नीम के पत्तों से स्नान
हल्दी का लेप या हल्दी वाला दूध
सेब का सिरका लगाना
लहसुन का पेस्ट बनाकर लगाना
🔹 8. टी ट्री ऑयल का उपयोग कैसे करें?
टी ट्री ऑयल को किसी कैरियर ऑयल (जैसे नारियल तेल) में मिलाकर संक्रमित स्थान पर लगाएं।
🔹 9. नीम के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करें या पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
🔹 10. हल्दी का उपयोग कैसे करें?
हल्दी को पानी या नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बनाएं और संक्रमित स्थान पर लगाएं। हल्दी वाला दूध पीना भी फायदेमंद होता है।
🔹 11. सेब का सिरका कैसे उपयोग करें?
सेब के सिरके को पानी में मिलाकर संक्रमित स्थान पर लगाएं। यह खुजली और जलन में राहत देता है।
🔹 12. लहसुन का उपयोग कैसे करें?
लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित स्थान पर लगाएं।
🔹 13. कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
अगर घरेलू उपाय से राहत न मिले
इंफेक्शन फैल रहा हो
दर्द और जलन ज्यादा हो
बुखार या अन्य गंभीर लक्षण हों
🔹 14. क्या फंगल इंफेक्शन संक्रामक होता है?
हाँ, यह संक्रमित व्यक्ति या सतह के संपर्क में आने से फैल सकता है।
🔹 15. क्या फंगल इंफेक्शन बार-बार हो सकता है?
हाँ, अगर सावधानी न बरती जाए तो यह बार-बार हो सकता है।
🔹 16. फंगल इंफेक्शन के लिए कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं?
एंटीफंगल क्रीम
एंटीफंगल पाउडर
एंटीफंगल टैबलेट्स
डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं
🔹 17. क्या फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए वैक्सीन है?
वर्तमान में फंगल इंफेक्शन के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
🔹 18. क्या फंगल इंफेक्शन से त्वचा पर दाग पड़ सकते हैं?
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो त्वचा पर दाग या निशान पड़ सकते हैं।
🔹 19. क्या फंगल इंफेक्शन से बाल झड़ सकते हैं?
अगर सिर की त्वचा पर फंगल इंफेक्शन हो तो बाल झड़ सकते हैं।
🔹 20. क्या फंगल इंफेक्शन से बुखार आ सकता है?
गंभीर मामलों में फंगल इंफेक्शन से बुखार आ सकता है।
🔹 21. क्या फंगल इंफेक्शन से एलर्जी हो सकती है?
कुछ लोगों में फंगल इंफेक्शन से एलर्जी या रैश हो सकते हैं।
🔹 22. क्या फंगल इंफेक्शन से वजन कम हो सकता है?
गंभीर और लंबे समय तक चलने वाले संक्रमण में वजन कम हो सकता है।
🔹 23. क्या फंगल इंफेक्शन से थकान महसूस हो सकती है?
हाँ, कुछ मामलों में थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है।
🔹 24. क्या फंगल इंफेक्शन से जोड़ों में दर्द हो सकता है?
आमतौर पर नहीं, लेकिन गंभीर संक्रमण में जोड़ों में दर्द हो सकता है।
🔹 25. क्या फंगल इंफेक्शन से सिरदर्द हो सकता है?
अगर संक्रमण शरीर के अंदरूनी हिस्सों में फैल जाए तो सिरदर्द हो सकता है।
🔹 26. क्या फंगल इंफेक्शन से नींद में बाधा आ सकती है?
खुजली और जलन के कारण नींद में बाधा आ सकती है।
🔹 27. क्या फंगल इंफेक्शन से भूख कम हो सकती है?
गंभीर मामलों में भूख कम हो सकती है।
🔹 28. क्या फंगल इंफेक्शन से त्वचा सूख सकती है?
हाँ, त्वचा पर पपड़ी या सूखापन हो सकता है।
🔹 29. क्या फंगल इंफेक्शन से त्वचा फट सकती है?
हाँ, संक्रमित स्थान पर त्वचा फट सकती है।
🔹 30. क्या फंगल इंफेक्शन से नाखून टूट सकते हैं?
हाँ, नाखून पीले, मोटे और टूटने वाले हो सकते हैं।
🔹 31. क्या फंगल इंफेक्शन से नाखूनों का रंग बदल सकता है?
हाँ, नाखून पीले, भूरे या सफेद हो सकते हैं।
🔹 32. क्या फंगल इंफेक्शन से नाखूनों की बनावट बदल सकती है?
हाँ, नाखून मोटे, खुरदरे और कमजोर हो सकते हैं।
🔹 33. क्या फंगल इंफेक्शन से बालों का रंग बदल सकता है?
आमतौर पर नहीं, लेकिन सिर की त्वचा पर संक्रमण से बालों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
🔹 34. क्या फंगल इंफेक्शन से बालों की बनावट बदल सकती है?
हाँ, बाल रूखे और कमजोर हो सकते हैं।
🔹 35. क्या फंगल इंफेक्शन से बालों का झड़ना स्थायी हो सकता है?
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो बालों का झड़ना स्थायी हो सकता है।
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