हर हफ्ते 300 ग्राम चिकन खाने से बढ़ सकता है कैंसर का खतरा: -
अगर आप रोज़ाना चिकन खाते हैं या अपनी डाइट में चिकन को मुख्य प्रोटीन स्रोत मानते हैं, तो आपके लिए यह खबर चौंकाने वाली हो सकती है। हाल ही में कई बड़ी स्टडीज़ ने खुलासा किया है कि हर हफ्ते 300 ग्राम या उससे ज्यादा चिकन खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
अब सवाल उठता है कि क्यों ऐसा हो रहा है? क्या चिकन खाना अब सुरक्षित नहीं है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के हर पहलू को सरल भाषा में, ताकि आप सही निर्णय ले सकें।
नई स्टडी में क्या पाया गया?
करीब 5 लाख लोगों पर कई सालों तक अध्ययन किया गया।
जो लोग अधिक मात्रा में चिकन खाते थे, उनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा पाया गया।
सिर्फ 300 ग्राम चिकन प्रति सप्ताह खाने से भी मृत्यु दर में 27% तक वृद्धि देखी गई।
शोधकर्ताओं ने क्या कहा?
शोधकर्ताओं के अनुसार:
चिकन में मौजूद कुछ तत्व, खासकर यदि वह गलत तरीके से पकाया गया हो, कैंसरकारी पदार्थ (Carcinogens) पैदा कर सकते हैं।
इसके अलावा, एंटीबायोटिक्स, हार्मोन, और प्रोसेसिंग के दौरान होने वाला दूषण भी एक बड़ा कारण है।
चिकन खाने से कैसे बढ़ता है कैंसर का खतरा?
1. पकाने का तरीका
तेज आँच पर भूनना या ग्रिल करना चिकन में HCAs (Heterocyclic Amines) और PAHs (Polycyclic Aromatic Hydrocarbons) जैसे हानिकारक रसायन पैदा करता है।
ये रसायन शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
2. पोल्ट्री फार्मिंग में इस्तेमाल
आजकल पोल्ट्री फार्मिंग में तेजी से एंटीबायोटिक्स और हार्मोन का इस्तेमाल हो रहा है।
ये रसायन हमारे शरीर में जाकर आंतरिक कोशिकीय असंतुलन पैदा करते हैं, जिससे कैंसर विकसित हो सकता है।
3. प्रोसेसिंग में दूषण
चिकन के प्रसंस्करण के दौरान कीटाणु संक्रमण का खतरा भी रहता है।
यदि सफाई का ध्यान नहीं रखा गया हो तो खराब बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
सबसे ज्यादा खतरा किसे?
जिम जाने वाले लोग जो रोज 2-3 बार चिकन खाते हैं।
बॉडीबिल्डर्स जो चिकन को मुख्य प्रोटीन स्रोत मानते हैं।
लंबे समय से एक ही डाइट फॉलो करने वाले लोग।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अत्यधिक चिकन सेवन से बचना चाहिए और प्रोटीन के अन्य स्रोतों को भी शामिल करना चाहिए।
आपको क्या करना चाहिए?
1. प्रोटीन के विविध स्रोत अपनाएं
मछली: ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत।
अंडे: सम्पूर्ण प्रोटीन के साथ विटामिन्स भी मिलते हैं।
दूध और दही: कैल्शियम और प्रोटीन का भंडार।
दालें और चने: शाकाहारी प्रोटीन के सर्वोत्तम स्रोत।
टोफू और पनीर: शाकाहारी लोगों के लिए आदर्श विकल्प।
2. पकाने का तरीका बदलें
चिकन को कम तापमान पर पकाएं।
उबालना, भाप में पकाना, या धीमी आंच पर पकाना सबसे सुरक्षित तरीके हैं।
तेल में तलने और चारकोल ग्रिलिंग से बचें।
3. गुणवत्ता पर ध्यान दें
हमेशा जैविक (Organic) चिकन खरीदें।
लोकल फार्म से सीधे खरीदने का प्रयास करें।
चिकन खरीदते समय फ्रेशनेस की जांच करें।
स्टडी का निष्कर्ष क्या कहता है?
शोधकर्ता यह नहीं कह रहे हैं कि चिकन खाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। बल्कि, मात्रा और गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है। एक संतुलित डाइट जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन स्रोत शामिल हों, स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
डॉ. श्रीधर देशमुख, MD फिजीशियन, का कहना है:
"चिकन जैसे सफेद मांस में प्रोटीन तो उच्च मात्रा में होता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन और गलत पकाने के तरीके से यह फायदे की बजाय नुकसान करने लगता है।"
वे सलाह देते हैं कि:
सप्ताह में 2 से 3 बार से ज्यादा चिकन न खाएं।
अलग-अलग प्रकार के प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल करें।
चिकन खाने में सावधानी कैसे बरतें? (चेकलिस्ट)
चिकन को अच्छी तरह पकाएं।
अधपके चिकन से बचें।
एंटीबायोटिक फ्री चिकन खरीदें।
चिकन को ग्रिल या फ्राई करने की बजाय उबालें या भाप में पकाएं।
हर हफ्ते 2 से 3 सर्विंग्स से ज्यादा चिकन ना खाएं।
वैकल्पिक प्रोटीन विकल्प
विकल्पविशेषताएँमछलीहार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंदअंडेसंपूर्ण प्रोटीन का स्रोतदालें और चनेफाइबर और प्रोटीन दोनों भरपूरटोफू और सोयाशाकाहारी विकल्पनट्स और बीजओमेगा-3 और हेल्दी फैट्स
निष्कर्ष
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में विविधता लानी होगी।
चाहे चिकन हो, मछली हो या दालें, हर चीज का सही मात्रा में सेवन और सही तरीके से पकाना बेहद जरूरी है।
तो अगली बार जब आप चिकन का टुकड़ा उठाएं, तो याद रखें — "अति सर्वत्र वर्जयेत" यानी हर चीज की अति हानिकारक होती है।
स्वस्थ रहिए, संतुलित खाइए और लंबा जीवन पाइए!
हर हफ्ते 300 ग्राम चिकन खाने से कैंसर का खतरा" से सम्बंधित कुछ सवाल-जवाब यानि FAQs :-
1. क्या हर हफ्ते 300 ग्राम चिकन खाने से कैंसर हो सकता है?
हाँ, हाल की स्टडी के अनुसार, हर हफ्ते 300 ग्राम से अधिक चिकन खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का।
2. चिकन खाने से कौन-कौन से कैंसर का खतरा बढ़ता है?
चिकन ज्यादा खाने से नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा, प्रोस्टेट कैंसर और पेट से जुड़े कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
3. क्या रोज चिकन खाने से नुकसान होता है?
हाँ, रोज चिकन खाने से शरीर में हानिकारक रसायनों का संचय हो सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
4. चिकन किस तरह पकाने पर कैंसर का खतरा बढ़ता है?
चिकन को तेज़ आंच पर ग्रिल करने या तलने से हेट्रोसाइक्लिक एमीन्स और पॉलिसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बनते हैं, जो कैंसरकारी हो सकते हैं।
5. क्या उबला हुआ चिकन खाना सुरक्षित है?
हाँ, उबला हुआ चिकन या भाप में पकाया गया चिकन अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है।
6. चिकन के बजाय कौन से प्रोटीन स्रोत बेहतर हैं?
मछली, अंडे, दालें, चने, टोफू और पनीर जैसे विकल्प बेहतर और सुरक्षित प्रोटीन स्रोत हैं।
7. चिकन में कौन से हानिकारक तत्व पाए जाते हैं?
गलत ढंग से पकाने पर चिकन में एचसीए और पीएएच जैसे कैंसरकारी तत्व बन सकते हैं।
8. चिकन खाने से कौन से अंग प्रभावित हो सकते हैं?
चिकन के अधिक सेवन से आंत, पेट, और प्रोस्टेट से जुड़े अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।
9. क्या जिम जाने वालों के लिए रोज चिकन खाना सुरक्षित है?
जिम जाने वालों को भी चिकन के साथ दूसरे प्रोटीन स्रोतों को शामिल करना चाहिए और चिकन का सेवन सीमित करना चाहिए।
10. क्या जैविक (ऑर्गेनिक) चिकन खाने से खतरा कम होता है?
हाँ, ऑर्गेनिक चिकन में हार्मोन और एंटीबायोटिक का कम उपयोग होता है, इसलिए खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है।
11. चिकन खाने का सुरक्षित मात्रा क्या है?
हफ्ते में 2 से 3 बार और प्रति बार लगभग 100 ग्राम चिकन खाना सुरक्षित माना जा सकता है।
12. क्या सभी तरह के चिकन से कैंसर का खतरा होता है?
मुख्यतः प्रोसेस्ड और ज्यादा तापमान पर पका चिकन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
13. चिकन खाने का सही तरीका क्या है?
चिकन को धीमी आंच पर पकाएं, उबालें या भाप में पकाएं और जले हुए हिस्सों को खाने से बचें।
14. क्या फ्रीज किया हुआ चिकन भी नुकसानदायक है?
हाँ, फ्रीज किए गए चिकन में भी बैक्टीरिया या दूषित तत्व हो सकते हैं अगर सही तरीके से न रखा जाए।
15. चिकन खाने से फायदों के साथ नुकसान भी हैं?
हाँ, चिकन से प्रोटीन मिलता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
16. क्या चिकन खाने से इम्यूनिटी कम होती है?
अगर दूषित चिकन खाया जाए या एंटीबायोटिक से भरा हो तो इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर हो सकता है।
17. चिकन के बजाय कौन से शाकाहारी प्रोटीन बेहतर हैं?
दालें, चने, मूंगफली, सोया, टोफू और बादाम जैसे शाकाहारी प्रोटीन बेहतरीन विकल्प हैं।
18. चिकन पकाते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
चिकन को सही तापमान पर पकाएं, अच्छी तरह धोएं और अधपका चिकन बिल्कुल न खाएं।
19. क्या बच्चों को रोज चिकन खिलाना सही है?
नहीं, बच्चों को भी सीमित मात्रा में और सही तरीके से पका चिकन ही देना चाहिए।
20. क्या एंटीबायोटिक-फ्री चिकन खाना सुरक्षित है?
एंटीबायोटिक-फ्री चिकन अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है, फिर भी सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
21. चिकन से जुड़े कैंसर के खतरे को कैसे कम कर सकते हैं?
चिकन का सीमित सेवन करें, सही ढंग से पकाएं और अन्य प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें।
22. चिकन खाने के बाद कौन-कौन से लक्षण दिखाई दे सकते हैं?
अगर दूषित चिकन खाया जाए तो पेट दर्द, उल्टी, दस्त, या बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं।
23. क्या काले रंग में जला हुआ चिकन खाना सुरक्षित है?
नहीं, जले हुए चिकन में कैंसरकारी रसायन बन सकते हैं, इसलिए जले हिस्से को खाने से बचें।
24. क्या सप्ताह में एक बार चिकन खाना सुरक्षित है?
हाँ, अगर चिकन सही ढंग से पकाया गया हो और मात्रा सीमित हो, तो सप्ताह में एक बार खाना सुरक्षित है।
25. क्या पूरी तरह से चिकन छोड़ना जरूरी है?
नहीं, जरूरत सिर्फ संतुलन बनाने की है। चिकन के साथ अन्य प्रोटीन स्रोत भी अपनाएं और विविधता रखें।
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