Psoriasis (सोरायसिस) कारण, लक्षण और आसान इलाज

सोरायसिस की त्वचा पर लाल चकत्ते और सूखे निशान दिखाते हुए व्यक्ति की तस्वीर

Psoriasis (सोरायसिस) कारण, लक्षण और आसान इलाज

सोरायसिस एक ऐसी त्वचा की बीमारी है जो आजकल बहुत आम होती जा रही है। यह बीमारी त्वचा पर लाल, खुजली वाले चकत्तों के रूप में दिखाई देती है। बहुत से लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, लेकिन इसके बारे में अधिकतर लोगों को सही जानकारी नहीं होती। इसलिए, इस लेख में हम सोरायसिस के बारे में पूरी जानकारी सरल भाषा में समझेंगे।

पहले यह जानना जरूरी है कि सोरायसिस क्या है, यह कैसे होता है, इसके कारण क्या हैं, और इसके लक्षण कैसे पहचानें। इसके साथ ही, हम देखेंगे कि सोरायसिस कितने लोगों को होता है और क्यों यह बीमारी बढ़ती जा रही है। अंत में, हम सोरायसिस के मुख्य प्रकारों को भी विस्तार से जानेंगे।

इस लेख को पढ़ने के बाद आपको सोरायसिस के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। आप समझ पाएंगे कि यह बीमारी क्या है, इसे कैसे पहचाना जाए, और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

सोरायसिस क्या है? (What is Psoriasis?)

सोरायसिस एक पुरानी (लंबे समय तक चलने वाली) त्वचा की बीमारी है। इसमें त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं जो अक्सर सूखे और खुजली वाले होते हैं। यह बीमारी संक्रमण वाली नहीं होती, इसलिए यह छूने से दूसरों में नहीं फैलती। सोरायसिस तब होती है जब शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) गलती से अपनी ही त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसे एक तरह का ऑटोइम्यून रोग कहा जाता है।

सामान्य त्वचा में, त्वचा के नए कोशिकाएँ धीरे-धीरे बनती हैं और पुरानी कोशिकाएँ हट जाती हैं। लेकिन सोरायसिस में यह प्रक्रिया बहुत तेज हो जाती है, जिससे त्वचा की सतह पर कोशिकाओं की परतें जमा हो जाती हैं। यही वजह है कि त्वचा पर सफेद या चांदी जैसी परतें और सूखे चकत्ते बनते हैं।

 

यह कितने लोगों को होता है?

सोरायसिस पूरी दुनिया में लगभग 2-3% लोगों को प्रभावित करता है। भारत में भी लाखों लोग इससे पीड़ित हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आम तौर पर यह 15 से 35 वर्ष की उम्र के बीच ज्यादा देखने को मिलती है।

सोरायसिस से प्रभावित होने वाले मुख्य तथ्य:

  • विश्व स्तर पर लगभग 125 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।

  • पुरुष और महिलाएं दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं।

  • यह बीमारी बच्चों में कम होती है, लेकिन हो सकती है।

  • आनुवांशिक (परिवार में) कारण से होने की संभावना अधिक होती है।

 

क्यों यह बीमारी आम होती जा रही है?

हाल के वर्षों में सोरायसिस के मामले बढ़ रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से मुख्य हैं:

  • तनाव और जीवनशैली में बदलाव
    आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव बहुत बढ़ गया है। तनाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और सोरायसिस जैसे रोगों को बढ़ावा देता है।

  • पर्यावरणीय कारण
    प्रदूषण, गर्मी, ठंड, और हानिकारक रसायनों से त्वचा प्रभावित होती है, जिससे सोरायसिस की संभावना बढ़ जाती है।

  • अनुवांशिकता (Genetics)
    यदि परिवार में किसी को सोरायसिस हो तो यह बीमारी दूसरों में भी हो सकती है।

  • अनियमित खान-पान
    तली-भुनी चीजें, अधिक मीठा और जंक फूड खाने से त्वचा की समस्या बढ़ती है।

  • धूम्रपान और शराब का सेवन
    ये आदतें त्वचा की बीमारियों को तेज़ करती हैं।

  • कुछ दवाइयों का प्रभाव
    कुछ दवाइयाँ भी सोरायसिस के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

इसलिए, जीवनशैली में बदलाव और सही देखभाल से सोरायसिस की संभावना को कम किया जा सकता है।

 

 

सोरायसिस के प्रकार (Types of Psoriasis)

सोरायसिस के कई प्रकार होते हैं। ये प्रकार उनके लक्षणों और त्वचा पर दिखने वाले चकत्तों के अनुसार अलग-अलग होते हैं। नीचे मुख्य प्रकार दिए गए हैं:

1. प्लाक सोरायसिस (Plaque Psoriasis)

  • यह सबसे आम प्रकार है।

  • इसमें त्वचा पर मोटे, लाल रंग के चकत्ते बनते हैं जिनके ऊपर सफेद या चांदी जैसे परतें होती हैं।

  • यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, खासकर कोहनी, घुटनों, और सिर पर।

  • खुजली और जलन आम होती है।

2. गट्टेट सोरायसिस (Guttate Psoriasis)

  • इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे लाल या गुलाबी रंग के धब्बे बनते हैं।

  • यह मुख्य रूप से बच्चों और युवा वयस्कों में होता है।

  • अक्सर गले में संक्रमण के बाद होता है।

  • यह अचानक शुरू होता है और जल्दी फैल सकता है।

3. इनवर्स सोरायसिस (Inverse Psoriasis)

  • यह त्वचा की सिलवटों में होता है, जैसे बगल, गुप्तांग, या गर्दन के नीचे।

  • इसमें लाल, चिकने और चमकीले चकत्ते बनते हैं।

  • इसे फंगल संक्रमण समझा जा सकता है क्योंकि इसमें खुजली ज्यादा होती है।

4. पस्टुलर सोरायसिस (Pustular Psoriasis)

  • इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे सफेद मवाद वाले दाने बनते हैं।

  • ये दाने लाल त्वचा पर होते हैं और कई बार दर्दनाक होते हैं।

  • यह शरीर के कुछ हिस्सों या पूरे शरीर पर हो सकता है।

5. एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस (Erythrodermic Psoriasis)

  • यह सोरायसिस का सबसे गंभीर प्रकार है।

  • इसमें पूरे शरीर की त्वचा लाल, सूजी और छिलती हुई दिखती है।

  • इसके कारण तेज़ बुखार, जलन और शरीर में कमजोरी हो सकती है।

  • तुरंत चिकित्सीय देखभाल की जरूरत होती है।

 

सोरायसिस के कारण, लक्षण और डॉक्टर से कब मिलें?

सोरायसिस के कारण (Causes of Psoriasis)

सोरायसिस एक ऐसी बीमारी है जो त्वचा को प्रभावित करती है। यह बीमारी तभी होती है जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक तंत्र) अपनी ही त्वचा पर हमला करता है। इस वजह से त्वचा की कोशिकाएं जल्दी-जल्दी बनती हैं और छिल जाती हैं। आइए, सोरायसिस के मुख्य कारणों को विस्तार से समझें:

  • शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही त्वचा पर हमला करता है
    शरीर का इम्यून सिस्टम सामान्यतः शरीर को बीमारियों से बचाता है, लेकिन सोरायसिस में यह गलती से त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इस कारण त्वचा पर लाल चकत्ते और सूजन होती है।

  • आनुवंशिक कारण (Family History)
    यदि आपके परिवार में किसी को सोरायसिस हुआ है, तो आपके इसमें पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी परिवार से आगे भी जा सकती है।

  • तनाव और चिंता
    मानसिक तनाव और ज्यादा चिंता करना भी सोरायसिस को बढ़ा सकता है। तनाव शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है जिससे सोरायसिस हो सकता है या बढ़ सकता है।

  • मौसम का बदलाव (ठंड में ज्यादा होता है)
    ठंडे मौसम में त्वचा सूखी हो जाती है, जिससे सोरायसिस के लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। गर्मियों की तुलना में ठंड के मौसम में यह बीमारी ज्यादा होती है।

  • कुछ दवाइयाँ
    कुछ दवाइयाँ जैसे ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ, लीथियम, और कुछ एंटीबायोटिक्स भी सोरायसिस को बढ़ा सकती हैं।

  • त्वचा में चोट लगना
    अगर त्वचा पर कोई चोट, खरोंच या जलन होती है, तो वहां सोरायसिस के धब्बे बन सकते हैं। इसे “कोबनर प्रभाव” कहा जाता है।

 

सोरायसिस के लक्षण (Symptoms of Psoriasis)

सोरायसिस के लक्षण पहचानना जरूरी है ताकि समय पर इलाज हो सके। इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्न हैं:

  • त्वचा पर लाल धब्बे
    त्वचा पर मोटे और लाल रंग के चकत्ते बनते हैं जो साफ़ दिखाई देते हैं।

  • सफेद या चांदी जैसी परतें
    इन लाल धब्बों के ऊपर सफेद या चांदी जैसी परतें बन जाती हैं, जो त्वचा की मृत कोशिकाओं से बनती हैं।

  • खुजली और जलन
    इन चकत्तों पर खुजली और जलन महसूस होती है, जिससे बहुत तकलीफ होती है।

  • त्वचा फटना या खून आना
    ज्यादा खुजलाने या सूखेपन की वजह से त्वचा फट सकती है और खून भी आ सकता है।

  • नाखूनों में बदलाव
    नाखून पीले हो सकते हैं, टूट सकते हैं या उनमें गड्ढे बन सकते हैं।

  • जोड़ों में दर्द
    कुछ मामलों में सोरायसिस से जोड़ों में दर्द और सूजन भी हो सकती है, जिसे सोरायसिस गठिया (psoriatic arthritis) कहा जाता है।

 

डॉक्टर से कब मिलें? (When to See a Doctor)

यदि आपको सोरायसिस के लक्षण दिख रहे हैं, तो आप अपने इलाज के लिए डॉक्टर से कब मिलें, यह जानना आवश्यक है। नीचे इसके संकेत दिए गए हैं:

  • जब लक्षण लगातार बढ़ते जा रहे हों
    अगर लाल धब्बे फैल रहे हैं या खुजली बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

  • घरेलू इलाज से आराम न मिले
    यदि घरेलू उपाय और क्रीम से कोई फायदा नहीं हो रहा, तो विशेषज्ञ की मदद लेना जरूरी है।

  • जोड़ों में तेज़ दर्द हो
    अगर सोरायसिस के साथ जोड़ों में सूजन और दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह सोरायसिस गठिया हो सकता है, जिसके लिए खास इलाज चाहिए।

सोरायसिस एक आम लेकिन ध्यान देने योग्य त्वचा की बीमारी है। इसके कारण मुख्य रूप से शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही त्वचा पर हमला करता है, साथ ही आनुवांशिकता, तनाव, मौसम और कुछ दवाइयाँ भी इसे बढ़ा सकती हैं। त्वचा पर लाल धब्बे, सफेद परतें, खुजली, और नाखूनों में बदलाव इसके मुख्य लक्षण हैं। यदि ये लक्षण बढ़ें या घरेलू उपायों से आराम न मिले तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

इसलिए, समय पर सही जानकारी और इलाज से सोरायसिस को नियंत्रित किया जा सकता है और आपकी त्वचा स्वस्थ रह सकती है।

 

सोरायसिस का इलाज –

 

घरेलू उपाय (Home Remedies)

सोरायसिस का इलाज करने के लिए सबसे पहले आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। ये उपाय त्वचा को आराम देते हैं और खुजली को कम करते हैं।

  • नारियल तेल लगाना
    नारियल तेल त्वचा को मॉइश्चराइज़ करता है और सूखेपन को दूर करता है। सोरायसिस वाले इलाक़ों पर हल्के हाथों से नारियल तेल लगाएं।

  • एलोवेरा जेल का इस्तेमाल
    एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो लाल चकत्तों और जलन को कम करते हैं। एलोवेरा जेल सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं।

  • हल्दी और दूध
    हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। एक गिलास गर्म दूध में हल्दी डालकर पीना फायदेमंद होता है।

  • ओटमील बाथ
    ओटमील स्नान त्वचा को शांत करता है और खुजली को कम करता है। ओटमील को गर्म पानी में मिलाकर 15-20 मिनट स्नान करें।

  • ठंडी सिकाई
    प्रभावित त्वचा पर ठंडी सिकाई से सूजन और खुजली में आराम मिलता है।

आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Remedies)

आयुर्वेद में सोरायसिस के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। ये न केवल लक्षणों को कम करते हैं, बल्कि रोग की जड़ तक असर करते हैं।

  • नीम, गिलोय, त्रिफला का सेवन
    नीम और गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और त्रिफला त्वचा को साफ़ करता है। इन्हें काढ़ा या गोली के रूप में लिया जा सकता है।

  • पंचकर्म चिकित्सा
    पंचकर्म शरीर से विषैले पदार्थ निकालने में मदद करता है। यह सोरायसिस के इलाज में सहायक होता है।

मेडिकल इलाज (Medical Treatments)

जब घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय पर्याप्त नहीं होते, तो मेडिकल इलाज की जरूरत होती है। डॉक्टर द्वारा दिए गए उपचार प्रभावी होते हैं।

  • क्रीम और लोशन
    स्टेरॉयड क्रीम, विटामिन D क्रीम या अन्य मेडिकल लोशन से त्वचा की सूजन और लालिमा कम होती है।

  • दवाइयाँ (गोलियां या इंजेक्शन)
    गंभीर मामलों में डॉक्टर दवाइयाँ जैसे कि मेथोट्रेक्सेट या साइटोस्टैटिक्स दे सकते हैं।

  • लाइट थैरेपी (UVB थैरेपी)
    UVB लाइट से त्वचा की कोशिकाओं की बढ़त धीमी पड़ती है। यह एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।

  • जैविक दवाएं (Biologics)
    ये दवाएं खासतौर पर उन लोगों के लिए होती हैं जिनका सोरायसिस बहुत गंभीर होता है। ये इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करती हैं।

सोरायसिस से कैसे बचें? (Prevention Tips)

सोरायसिस को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है, लेकिन कुछ सावधानियों से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है।

  • तनाव से बचें क्योंकि यह बीमारी को बढ़ा सकता है।

  • त्वचा को हमेशा मॉइश्चराइज़ रखें ताकि सूखापन न हो।

  • हेल्दी और संतुलित आहार लें जिसमें ताजे फल और सब्जियां शामिल हों।

  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें। ये त्वचा की हालत बिगाड़ते हैं।

  • ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं, क्योंकि यह त्वचा को और सूखा सकता है।

 

निष्कर्ष

सोरायसिस एक आम लेकिन झिझक वाली बीमारी है। सही जानकारी और इलाज से इसे अच्छी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। घरेलू उपाय आपकी त्वचा को आराम देते हैं, जबकि आयुर्वेदिक और मेडिकल इलाज इसे गहराई से ठीक करते हैं। इसलिए, घरेलू उपाय और डॉक्टर की सलाह दोनों ज़रूरी हैं। समय पर उपचार से आप सोरायसिस के लक्षणों को कम कर सकते हैं और जीवन को आरामदायक बना सकते हैं।

 

सोरायसिस से सम्बंधित कुछ सवाल-जवाब यानि FAQs :--

 

  • सोरायसिस क्या है?
    सोरायसिस एक त्वचा की बीमारी है जिसमें लाल धब्बे और सूखी परतें बनती हैं।

  • सोरायसिस कैसे होता है?
    यह तब होता है जब शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही त्वचा पर हमला करता है।

  • क्या सोरायसिस संक्रामक है?
    नहीं, सोरायसिस किसी को छूने से नहीं फैलता।

  • सोरायसिस के मुख्य लक्षण क्या हैं?
    त्वचा पर लाल धब्बे, सफेद परतें, खुजली और सूखापन।

  • सोरायसिस के कारण क्या हैं?
    इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी, तनाव, आनुवांशिकता, मौसम बदलाव, दवाइयाँ।

  • क्या सोरायसिस का इलाज हो सकता है?
    हाँ, घरेलू, आयुर्वेदिक और मेडिकल इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  • सोरायसिस के लिए कौन-से घरेलू उपाय अच्छे हैं?
    नारियल तेल, एलोवेरा जेल, हल्दी वाला दूध, ओटमील बाथ।

  • सोरायसिस में एलोवेरा कैसे मदद करता है?
    एलोवेरा जलन और खुजली कम करता है और त्वचा को ठंडक पहुंचाता है।

  • सोरायसिस के लिए कौन-सी आयुर्वेदिक दवाइयाँ उपयोगी हैं?
    नीम, गिलोय और त्रिफला का सेवन लाभकारी होता है।

  • सोरायसिस के लिए पंचकर्म क्या है?
    यह एक आयुर्वेदिक उपचार है जो शरीर से विषैले पदार्थ निकालता है।

  • सोरायसिस में कौन-सी मेडिकल क्रीम लगानी चाहिए?
    डॉक्टर द्वारा दी गई स्टेरॉयड या विटामिन D क्रीम।

  • UVB थैरेपी सोरायसिस के लिए कैसे काम करती है?
    यह त्वचा की कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करती है।

  • सोरायसिस में जैविक दवाइयाँ क्या हैं?
    ये दवाएं शरीर के इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करती हैं।

  • सोरायसिस कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
    लक्षण बढ़ने पर, घरेलू इलाज से आराम न मिलने पर।

  • क्या सोरायसिस के कारण जोड़ों में दर्द भी होता है?
    हाँ, कुछ मामलों में सोरायसिस गठिया हो सकता है।

  • सोरायसिस में नाखूनों के लक्षण क्या होते हैं?
    नाखून पीले, टूटे या गड्ढेदार हो सकते हैं।

  • सोरायसिस से बचाव कैसे करें?
    तनाव कम करें, त्वचा मॉइश्चराइज़ रखें, स्वस्थ आहार लें।

  • क्या सोरायसिस तनाव से होता है?
    तनाव इसे बढ़ा सकता है, लेकिन अकेले कारण नहीं है।

  • सोरायसिस में क्या खाएं?
    फल, सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन।

  • क्या सोरायसिस बच्चों में भी होता है?
    हाँ, बच्चों में भी हो सकता है लेकिन कम आम है।

  • क्या सोरायसिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
    यह पूरी तरह खत्म नहीं होता, लेकिन इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है।

  • क्या ज्यादा गर्म पानी से नहाना सोरायसिस के लिए ठीक है?
    नहीं, ज्यादा गर्म पानी त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकता है।

  • सोरायसिस में खुजली कैसे कम करें?
    ठंडी सिकाई और मॉइश्चराइज़र से।

  • क्या धूप सोरायसिस के लिए फायदेमंद है?
    मॉडरेट धूप लाभकारी हो सकती है, पर अधिक धूप से बचें।

  • सोरायसिस के दौरान कौन-से कपड़े पहनें?
    हल्के, सूती और आरामदायक कपड़े।

  • क्या सोरायसिस छूने से फैलता है?
    नहीं, यह बीमारी छूने से नहीं फैलती।

  • क्या सोरायसिस में एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है?
    नहीं, यह एलर्जी नहीं है बल्कि इम्यून सिस्टम की समस्या है।

  • क्या सोरायसिस दवाओं के कारण हो सकता है?
    कुछ दवाइयाँ सोरायसिस को बढ़ा सकती हैं।

  • सोरायसिस में त्वचा फटना सामान्य है?
    हाँ, सूखेपन से त्वचा फट सकती है।

  • क्या सोरायसिस में बाल झड़ते हैं?
    कुछ मामलों में सिर की त्वचा प्रभावित हो सकती है जिससे बाल झड़ सकते हैं।

  • क्या सोरायसिस का इलाज आयुर्वेद में संभव है?
    हाँ, आयुर्वेदिक इलाज मददगार होता है।

  • सोरायसिस का इलाज घर पर कैसे करें?
    नारियल तेल और एलोवेरा जेल लगाएं, ठंडी सिकाई करें।

  • क्या सोरायसिस वाले मरीज को योग करना चाहिए?
    हाँ, योग से तनाव कम होता है और त्वचा बेहतर रहती है।

  • क्या सोरायसिस के कारण शरीर की सूजन होती है?
    कुछ मामलों में हाँ, विशेषकर जोड़ों में।

  • सोरायसिस के लिए कौन-से विटामिन जरूरी हैं?
    विटामिन D और विटामिन B12 लाभकारी हैं।

  • क्या सोरायसिस में धूप लेना चाहिए या नहीं?
    मध्यम मात्रा में धूप लेना ठीक है, पर डॉक्टर से सलाह लें।

  • क्या सोरायसिस की बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है?
    यह बीमारी कभी भी शुरू हो सकती है, उम्र का विशेष फर्क नहीं।

  • क्या सोरायसिस को इलाज के बिना छोड़ देना सही है?
    नहीं, इलाज जरूरी है वरना स्थिति बिगड़ सकती है।

  • क्या सोरायसिस में त्वचा की सफाई पर ध्यान देना जरूरी है?
    हाँ, लेकिन कड़क साबुन से बचें।

  • क्या सोरायसिस में मसाज करनी चाहिए?
    हल्की मसाज से आराम मिल सकता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लें।

  • क्या सोरायसिस वाले लोगों को एक्सरसाइज करनी चाहिए?
    हाँ, नियमित व्यायाम से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

  • सोरायसिस में ठंडी सिकाई कैसे करें?
    ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाएं।

  • क्या सोरायसिस वाले मरीज धूम्रपान कर सकते हैं?
    धूम्रपान से बचना चाहिए क्योंकि यह बीमारी को बढ़ाता है।

  • क्या सोरायसिस में नाखून टूटने पर डॉक्टर को दिखाएं?
    हाँ, नाखूनों में बदलाव पर डॉक्टर से जरूर मिलें।

  • क्या सोरायसिस का इलाज लंबा समय लेता है?
    हाँ, यह बीमारी धीरे-धीरे ठीक होती है।

  • क्या सोरायसिस में घरेलू उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकता है?
    घरेलू उपाय सहायक हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

  • क्या सोरायसिस के लिए दवाइयाँ बिना डॉक्टर के लें?
    नहीं, दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह से ही लें।

  • सोरायसिस में कौन-से फल खाने चाहिए?
    संतरे, सेब, केला जैसे फल अच्छे हैं।

  • क्या सोरायसिस महिलाओं में ज्यादा होता है?
    यह दोनों लिंगों में समान होता है।

  • क्या सोरायसिस बच्चों को भी होता है?
    हाँ, बच्चों में भी हो सकता है लेकिन कम होता है।

 

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