Hypothyroidism: कारण, लक्षण और सर्वोत्तम आहार

Hypothyroidism में उपयोगी आहार, लक्षण और घरेलू उपचार को दर्शाने वाली जानकारीपूर्ण Image

Hypothyroidism: कारण, लक्षण और सर्वोत्तम आहार

Hypothyroidism क्या होता है?

Hypothyroidism एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाती। यह ग्रंथि हमारे गले के सामने वाले हिस्से में होती है और इसका आकार तितली जैसा होता है। जब यह ग्रंथि सुस्त हो जाती है, तो शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है और कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं।

यह रोग धीमी गति से बढ़ता है, इसलिए इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। लेकिन यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के कई अंगों पर असर डाल सकता है।

थायरॉयड ग्रंथि का शरीर में क्या काम है?

थायरॉयड ग्रंथि का मुख्य काम होता है शरीर के मेटाबॉलिज्म (metabolism) को नियंत्रित करना। यह ग्रंथि T3 (Triiodothyronine) और T4 (Thyroxine) नाम के दो हार्मोन बनाती है, जो शरीर की ऊर्जा, तापमान और पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं।

इसके अतिरिक्त, थायरॉयड हार्मोन का बच्चों की ग्रोथ, दिमाग के विकास, दिल की धड़कन और त्वचा की सेहत में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

यह रोग क्यों चिंता का विषय है?

Hypothyroidism इसलिए गंभीर है क्योंकि इसके लक्षण बहुत साधारण लगते हैं – जैसे थकान, वजन बढ़ना या बालों का झड़ना। इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। मगर समय रहते इलाज न मिलने पर यह दिल, मस्तिष्क और प्रजनन स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।

इसके अलावा, यह समस्या महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है और यदि गर्भावस्था के दौरान ध्यान न दिया जाए, तो बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। यही कारण है कि यह बीमारी समय रहते पहचानना और ठीक करना जरूरी है।

Hypothyroidism कैसे होता है? (Hypothyroidism ke Kaaran)

Hypothyroidism होने के कई कारण हो सकते हैं। नीचे प्रमुख कारणों की सूची दी गई है:

थायरॉयड ग्रंथि की कमजोरी

जब थायरॉयड ग्रंथि में सूजन या क्षति हो जाती है, तो वह हार्मोन बनाना बंद कर देती है। यह सबसे सामान्य कारण है।

आयोडीन की कमी

आयोडीन एक जरूरी खनिज है, जिससे थायरॉयड हार्मोन बनता है। यदि हमारे भोजन में आयोडीन की कमी हो, तो थायरॉयड ग्रंथि कमजोर पड़ जाती है।

ऑटोइम्यून बीमारियाँ (जैसे Hashimoto’s thyroiditis)

यह ऐसी स्थिति है जब शरीर की अपनी इम्यून प्रणाली थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है और उसे नुकसान पहुंचाती है।

कुछ दवाइयों का प्रभाव

कुछ खास दवाइयाँ जैसे lithium या कैंसर की रेडियोथेरेपी थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित कर सकती हैं।

गर्भावस्था के बाद थायरॉयड में बदलाव

गर्भावस्था के बाद हार्मोन में बदलाव होने के कारण थायरॉयड की समस्या सामने आ सकती है।

आनुवंशिक कारण (Family History)

यदि परिवार में किसी को थायरॉयड की समस्या रही हो, तो इसकी संभावना अगली पीढ़ी में भी बढ़ जाती है।

Hypothyroidism के लक्षण (Lakshan ya Symptoms)

Hypothyroidism के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं, और कभी-कभी लोग इन्हें सामान्य थकावट समझकर अनदेखा कर देते हैं। इसलिए नीचे दिए गए लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है:

  • थकान और कमजोरी जो आराम के बाद भी दूर न हो

  • वजन का बढ़ना बिना ज्यादा खाना खाए

  • बालों का झड़ना और बालों का रूखापन

  • ठंड ज्यादा लगना, खासकर हाथ-पैरों में

  • याददाश्त कमजोर होना या ध्यान कम लगना

  • लगातार कब्ज रहना

  • त्वचा का सूख जाना और बेजान दिखना

इन सभी लक्षणों को एकसाथ देखकर ही डॉक्टर सही जांच और इलाज की सलाह देते हैं।

Hypothyroidism एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है। यदि इसे समय रहते पहचाना और सही आहार व जीवनशैली अपनाई जाए, तो यह पूरी तरह से नियंत्रण में रखा जा सकता है। Hypothyroidism का इलाज और आहार की सही जानकारी हर किसी के लिए जरूरी है ताकि जीवन की गुणवत्ता बनी रहे।

Hypothyroidism का इलाज (Ilaaj aur Diagnosis)

यदि Hypothyroidism का समय रहते सही इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इस बीमारी का इलाज आसान है, लेकिन इसके लिए सही जांच और नियमित देखभाल जरूरी है।

खून की जांच (TSH Test)

सबसे पहला कदम है थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) की जांच।
इस टेस्ट से पता चलता है कि थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं।

  • यदि TSH का स्तर ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि थायरॉयड ग्रंथि सुस्त हो गई है।

  • यह जांच डॉक्टर की सलाह पर खाली पेट करवाई जाती है।

डॉक्टर द्वारा दवाइयाँ (थायरॉक्सिन टैबलेट)

Hypothyroidism का मुख्य इलाज है – थायरॉक्सिन टैबलेट। यह एक सिंथेटिक हार्मोन होता है जो शरीर में T4 हार्मोन की कमी को पूरा करता है।

  • यह दवा रोज़ सुबह खाली पेट ली जाती है।

  • डॉक्टर मरीज की उम्र, वजन और टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार सही डोज़ तय करते हैं।

नियमित जांच और डॉक्टर से सलाह

इलाज की शुरुआत के बाद भी यह जरूरी है कि मरीज हर 3 से 6 महीने में TSH टेस्ट कराए और डॉक्टर की सलाह ले।

  • दवा की मात्रा समय के साथ घटाई या बढ़ाई जा सकती है।

  • खुद से दवा बंद करना या बदलना खतरनाक हो सकता है।

 

Hypothyroidism में क्या खाना चाहिए? (Best Diet for Hypothyroidism)

सिर्फ दवा ही नहीं, सही आहार भी इस बीमारी को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए नीचे बताए गए पोषक तत्वों का ध्यान रखना जरूरी है।

आयोडीन युक्त चीज़ें

आयोडीन थायरॉयड हार्मोन बनाने में सबसे जरूरी तत्व है।

  • आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करें

  • समुद्री मछली और समुद्री शैवाल भी लाभदायक हैं

सेलेनियम युक्त भोजन

सेलेनियम शरीर में हार्मोन को सक्रिय करने में मदद करता है।

  • उबले हुए अंडे

  • सूरजमुखी के बीज

  • ताजे मशरूम

जिंक वाला आहार

जिंक थायरॉयड की कार्यक्षमता को बनाए रखता है।

  • कद्दू के बीज

  • चना, मसूर, मूंग जैसी दालें

  • साबुत अनाज जैसे जौ और बाजरा

विटामिन D और B12

इन विटामिन्स की कमी Hypothyroidism में आम है।

  • गाय का दूध और उससे बनी चीजें

  • धूप में रोज़ाना 20 मिनट बैठना

  • दही और छाछ

पानी भरपूर मात्रा में

थायरॉयड हार्मोन को शरीर में अच्छी तरह फैलाने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।

  • दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं

  • सुबह गुनगुना पानी पीना लाभदायक होता है

 

किन चीज़ों से बचें? (Kis Bhojan se Door Rahen)

कुछ खाद्य पदार्थ थायरॉयड ग्रंथि के काम में रुकावट डाल सकते हैं। इसलिए इनसे बचाव जरूरी है।

  • गोभी, ब्रोकोली, सोया – यदि ज्यादा मात्रा में खाए जाएं, तो हार्मोन बनने में रुकावट होती है

  • प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड – इनमें मौजूद केमिकल्स थायरॉयड पर नकारात्मक असर डालते हैं

  • ज्यादा चीनी और कैफीन – शरीर को थका हुआ और असंतुलित महसूस होता है

  • बिना डॉक्टर की सलाह के आयोडीन सप्लीमेंट – यह फायदा की बजाय नुकसान कर सकता है

Hypothyroidism का इलाज और आहार कैसे अपनाएं?

अब जब आप जान चुके हैं कि Hypothyroidism का इलाज और आहार कितना जरूरी है, तो इसे नजरअंदाज न करें।
खून की नियमित जांच, डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा और संतुलित आहार इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित कर सकते हैं।

हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि सही समय पर पहचान और सही खानपान से कोई भी बीमारी आसान हो जाती है।

 

दिनचर्या और जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes in Hypothyroidism)

Hypothyroidism का इलाज केवल दवाओं से नहीं होता, इसमें आपकी दिनचर्या और जीवनशैली में बदलाव भी बेहद जरूरी होते हैं। यह बदलाव शरीर को हार्मोन संतुलित रखने में मदद करते हैं।

रोज़ाना व्यायाम (Daily Exercise)

शारीरिक सक्रियता थायरॉयड रोगियों के लिए फायदेमंद है। व्यायाम शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन को कंट्रोल में रखता है।

  • सुबह टहलना या हल्की दौड़ लगाना

  • योग या स्ट्रेचिंग करना

  • साइकिल चलाना या तैराकी

  • हफ्ते में कम से कम 5 दिन 30 मिनट का व्यायाम करें

तनाव से दूर रहना (Stay Away from Stress)

तनाव हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसलिए मानसिक शांति बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।

  • ध्यान (Meditation) और प्राणायाम करें

  • गहरी साँसें लें और खुद को सकारात्मक सोच में रखें

  • समय पर काम करें, ताकि तनाव से बच सकें

नींद पूरी लेना (Adequate Sleep)

नींद की कमी से थायरॉयड ग्रंथि और भी सुस्त हो जाती है। अच्छी नींद हार्मोन स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

  • रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद लें

  • सोने और जागने का निश्चित समय रखें

  • रात को मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं

वजन को नियंत्रित रखना (Maintain Healthy Weight)

Hypothyroidism में वजन बढ़ना आम है, लेकिन इसे नियंत्रण में रखना जरूरी है।

  • संतुलित आहार लें

  • मीठे और तले हुए भोजन से बचें

  • नियमित व्यायाम को अपनी आदत में शामिल करें

इन छोटे लेकिन असरदार बदलावों से आप Hypothyroidism को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

 

बच्चों और महिलाओं में Hypothyroidism (Vishesh Jaankari)

Hypothyroidism का असर हर उम्र और लिंग पर अलग-अलग पड़ता है। विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं में इसके लक्षण और प्रभाव थोड़े अलग हो सकते हैं, इसलिए सावधानी ज़रूरी है।

बच्चों में ग्रोथ रुक सकती है

  • थायरॉयड हार्मोन की कमी से बच्चों की लंबाई और वजन में कमी आ सकती है

  • सीखने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है

  • बच्चों में थकान, चिड़चिड़ापन और सुस्ती देखी जा सकती है

समाधान:
बच्चों की समय-समय पर जांच कराएं और दवा सही मात्रा में दें।

महिलाओं में मासिक धर्म असामान्य हो सकता है

  • पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं

  • कभी बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग हो सकती है

  • गर्भधारण में कठिनाई भी हो सकती है

समाधान:
गाइनेकोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से नियमित सलाह लें।

गर्भवती महिलाओं में विशेष ध्यान ज़रूरी

  • गर्भावस्था में Hypothyroidism होने पर बच्चे के मस्तिष्क के विकास में रुकावट आ सकती है

  • समय से पहले डिलीवरी या गर्भपात की संभावना बढ़ सकती है

समाधान:

  • गर्भावस्था की शुरुआत में ही TSH टेस्ट कराएं

  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवा नियमित रूप से लें

  • आहार और जीवनशैली पर खास ध्यान दें

Hypothyroidism एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है, जो शरीर के हर हिस्से को प्रभावित कर सकती है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं – यदि इसे समय रहते पहचाना जाए और सही इलाज, आहार और जीवनशैली अपनाई जाए, तो इसे पूरी तरह से कंट्रोल में रखा जा सकता है।

  • रोज़ाना व्यायाम करें

  • तनाव से दूर रहें

  • पूरी नींद लें और वजन को संतुलित रखें

  • बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष सतर्कता बरतें

  • सबसे महत्वपूर्ण – डॉक्टर की सलाह को नज़रअंदाज़ न करें और नियमित जांच कराते रहें

 

Hypothyroidism से सम्बंधित कुछ सवाल-जवाब यानि FAQs :--

 

  • Hypothyroidism क्या होता है?
    यह एक स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती, जिससे शरीर की ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।

  • Hypothyroidism के मुख्य लक्षण क्या हैं?
    थकान, वजन बढ़ना, ठंड सहन न होना, कब्ज, और त्वचा का सूखापन इसके सामान्य लक्षण हैं।

  • Hypothyroidism का मुख्य कारण क्या है?
    Hashimoto's थायरॉयडिटिस, एक ऑटोइम्यून रोग, इसका सबसे सामान्य कारण है।

  • क्या Hypothyroidism का इलाज संभव है?
    हाँ, नियमित दवा और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  • क्या Hypothyroidism महिलाओं में अधिक होता है?
    हाँ, यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक सामान्य है।

  • Hypothyroidism की पुष्टि कैसे होती है?
    TSH और T4 रक्त परीक्षणों के माध्यम से इसकी पुष्टि की जाती है।

  • क्या Hypothyroidism का इलाज जीवनभर करना पड़ता है?
    अधिकांश मामलों में, हाँ। दवा और नियमित जांच आवश्यक होती है।

  • क्या Hypothyroidism से वजन बढ़ता है?
    हाँ, यह मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।

  • क्या Hypothyroidism से बाल झड़ सकते हैं?
    हाँ, हार्मोन की कमी से बाल झड़ सकते हैं।

  • क्या Hypothyroidism से मूड प्रभावित होता है?
    हाँ, यह अवसाद और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है।

  • Hypothyroidism में क्या खाना चाहिए?
    आयोडीन, सेलेनियम, और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री भोजन, अंडे, और साबुत अनाज।

  • Hypothyroidism में क्या नहीं खाना चाहिए?
    गोभी, ब्रोकोली, और सोया जैसे गोइट्रोजनिक खाद्य पदार्थों से बचें।

  • क्या आयोडीन सप्लीमेंट लेना चाहिए?
    बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।

  • क्या Hypothyroidism में दूध पीना फायदेमंद है?
    हाँ, दूध में आयोडीन और कैल्शियम होता है, जो लाभकारी है।

  • क्या Hypothyroidism में कैफीन से बचना चाहिए?
    हाँ, कैफीन थायरॉयड हार्मोन के अवशोषण में बाधा डाल सकता है।

  • क्या Hypothyroidism में शाकाहारी आहार उपयुक्त है?
    हाँ, यदि पोषक तत्वों का संतुलन बना रहे।

  • क्या Hypothyroidism में ग्लूटेन से बचना चाहिए?
    कुछ मामलों में, विशेषकर यदि ग्लूटेन संवेदनशीलता हो।

  • क्या Hypothyroidism में नमक का सेवन बढ़ाना चाहिए?
    आयोडीन युक्त नमक का संतुलित सेवन फायदेमंद है।

  • क्या Hypothyroidism में विटामिन D आवश्यक है?
    हाँ, यह थायरॉयड फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण है।

  • क्या Hypothyroidism में पानी अधिक पीना चाहिए?
    हाँ, पर्याप्त पानी पीना शरीर के मेटाबॉलिज्म को सहारा देता है।

  • क्या Hypothyroidism में व्यायाम करना चाहिए?
    हाँ, नियमित व्यायाम मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।

  • क्या योग Hypothyroidism में मदद करता है?
    हाँ, योग तनाव कम करता है और थायरॉयड फंक्शन में सहायक है।

  • क्या तनाव Hypothyroidism को प्रभावित करता है?
    हाँ, तनाव हार्मोन असंतुलन को बढ़ा सकता है।

  • क्या Hypothyroidism में नींद का महत्व है?
    हाँ, पर्याप्त नींद हार्मोन संतुलन के लिए आवश्यक है।

  • क्या Hypothyroidism में धूम्रपान हानिकारक है?
    हाँ, यह थायरॉयड फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

  • क्या Hypothyroidism में शराब पीना सुरक्षित है?
    नहीं, शराब थायरॉयड हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है।

  • क्या Hypothyroidism में वजन कम करना संभव है?
    हाँ, सही आहार और व्यायाम से वजन नियंत्रित किया जा सकता है।

  • क्या Hypothyroidism में नियमित जांच आवश्यक है?
    हाँ, TSH स्तर की निगरानी जरूरी है।

  • क्या Hypothyroidism में दवा समय पर लेनी चाहिए?
    हाँ, दवा का नियमित सेवन आवश्यक है।

  • क्या Hypothyroidism में आयुर्वेदिक उपचार कारगर हैं?
    कुछ मामलों में सहायक हो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

  • क्या Hypothyroidism से मासिक धर्म प्रभावित होता है?
    हाँ, यह अनियमित या भारी मासिक धर्म का कारण बन सकता है।

  • क्या Hypothyroidism से गर्भधारण में समस्या होती है?
    हाँ, यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

  • क्या गर्भावस्था में Hypothyroidism खतरनाक है?
    हाँ, यह मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।

  • क्या गर्भावस्था में Hypothyroidism का इलाज संभव है?
    हाँ, लेकिन डॉक्टर की निगरानी में दवा लेना आवश्यक है।

  • क्या Hypothyroidism से स्तनपान प्रभावित होता है?
    कुछ मामलों में, दूध उत्पादन कम हो सकता है।

  • क्या Hypothyroidism से बालों का झड़ना अधिक होता है?
    हाँ, हार्मोन असंतुलन से बाल झड़ सकते हैं।

  • क्या Hypothyroidism से त्वचा पर प्रभाव पड़ता है?
    हाँ, त्वचा सूखी और खुरदरी हो सकती है।

  • क्या Hypothyroidism से मूड स्विंग्स होते हैं?
    हाँ, यह अवसाद और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है।

  • क्या Hypothyroidism से सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है?
    हाँ, यह कम हो सकती है।

  • क्या Hypothyroidism से हड्डियों की कमजोरी होती है?
    हाँ, लंबे समय तक अनियंत्रित रहने पर हड्डियों पर प्रभाव पड़ सकता है।

  • क्या बच्चों में Hypothyroidism होता है?
    हाँ, यह जन्मजात या बाद में विकसित हो सकता है।

  • बच्चों में Hypothyroidism के लक्षण क्या हैं?
    विकास में देरी, थकान, और सीखने में कठिनाई।

  • क्या Hypothyroidism से बच्चों की वृद्धि रुकती है?
    हाँ, हार्मोन की कमी से विकास प्रभावित हो सकता है।

  • क्या बच्चों में Hypothyroidism का इलाज संभव है?
    हाँ, दवा और निगरानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  • क्या Hypothyroidism से बच्चों की बुद्धि प्रभावित होती है?
    यदि समय पर इलाज न हो, तो मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।

 

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